|| जय चक्रधारी ||
भगवन शिव से उत्पन्न धातु – ” चाँदी “, राजों-रजवाड़ो से लेकर बड़े राजनीतिज्ञों की पहली पसंद ही चाँदी के पात्र रहे हैं | यहाँ तक की संत-महंत की बात करें तो उन्हें भी आरम्भ से ही चाँदी से बने पात्र बहुत भाये हैं | अक्सर प्रश्न उठता है आखिर इसका क्या कारण है ? तो आप जान लीजिये यह धातु ऐसी है जिसमें प्राकृतिक रूप से ही सकारात्मक ऊर्जाओं का संचार होता है, यह ऐसी धातु है – जिसमें भोजन पकाया भी जा सकता है, जिसमे भोजन खाया भी जा सकता है , जिसमे जल पान भी किया जा सकता है | यह चन्द्रमा गृह को, शुक्र गृह को तो मजबूत करने में अत्यंत सक्षम है ही, जिसमें कोई संदेह नहीं | साथ ही साथ – रोग प्रतिरोधक क्षमता देने में सक्षम, कमाल का आत्मविश्वास देने में सक्षम, वाणी को मीठा बनाने में सक्षम, बौद्धिक शक्ति को बढ़ने में सक्षम जैसे अनेकोनेक लाभ इन पात्रों का प्रयोग करने वालों को मिलते हैं |
और विशेष यह है – यदि गर्भस्थ स्त्री इन पात्रों का प्रयोग करे तो आने वाली संतान लुभावनी, सुन्दर और विवेक में भी बहुत तेज़ होती है | ऐसा परिणाम है इस धातु का | आनंद लीजिये हमारी संस्कृति के बेहतरीन उपायों का जो आपको प्रसन्नता ही प्रसन्नता देगी |
|| ॐ का झंडा ऊँचा रहे ||
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