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930ml 99.9% Bhojya Ranga Indra Lota - भोज्य रांगा इंद्रा लोटा

CHAKRADHARI
SKU: BRIL-4
Rating5/5 based on 1 reviews
MRP:
₹7,394.00
(Inclusive of all taxes)
CHAKRADHARI

If you find an lota anywhere on Earth made with Copper of equal or higher purity than this, we will reward you with ₹1001 cash upon verification!

अगर आप धरती पर कहीं भी इसके बराबर या इससे ज्यादा तांबे का लोटा ढूंढ लाते हैं, तो सिद्ध करने पर हम आपको तुरंत ₹1001 का नकद इनाम देंगे!

Attribute
गुण
Description
विवरण
Size & Weight
आकार और वजन
The lota weight 670 grams, and the lid weight 150 grams
(लोटे 670 ग्राम )( ढक्कन 150 ग्राम )
Making Technique
बनाने की तकनीक
Sipping Technique
कर्तन तकनीक
Appearance
बनावट व रूप
It can hold about 1000 ml of water at a time, which is why it is called the ‘king’ of all lotas — just as Indra Dev holds a special place among the gods, this lota is regarded as the most superior and royal among all lotas. Its shape is wide at the base, slightly bulging in the middle, and tapers into a narrower neck with a wide mouth at the top.
इसमें एक बार में लगभग 1000 ml जल भरा जा सकता है, इसलिए इसे बाकी लोटों का ‘राजा’ कहा जाता है — जैसे देवताओं में इंद्रदेव का विशेष स्थान है, वैसे ही यह लोटा सभी लोटों में श्रेष्ठ और राजसी माना जाता है। नीचे से चौड़ी, बीच में उभरी हुई और ऊपर की ओर थोड़ी पतली गर्दन और चौड़ा मुँह।
Cultural Significance
सांस्कृतिक महत्व
“The Indra Lota holds special significance because of its large size — it invites prosperity, peace, and good fortune into the home. In India, the kalash and lota are considered symbols of auspiciousness, prosperity, and purity, and they are used in every religious ritual.
इंद्र लोटा अपने बड़े आकार के कारण विशेष महत्व रखता है — यह घर में समृद्धि, शांति और सौभाग्य को आमंत्रित करता है। भारत में कलश और लोटा शुभता, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माने जाते हैं और हर धार्मिक कार्य में इनका उपयोग होता है।
Ayurvedic Dosha Balance
आयुर्वेदिक दोष नियंत्रण
Pitta: ✅ Beneficial, Vata: ✅ Highly Beneficial, Kapha: ⚠️ Minimal effect
पित्त: ✅ लाभकारी, वात: ✅ अत्यंत लाभकारी, कफ: ⚠️ न्यूनतम प्रभाव
Spiritual Benefits
आध्यात्मिक लाभ
Ranga Indra Lota is considered spiritually auspicious. The water kept in it is seen as pure and energizing, used in puja, mantra and havan to bring peace, focus and positive energy to the household. It is also believed to support emotional balance and attract blessings and prosperity.

रांगा इन्द्र लोटा आध्यात्मिक रूप से शुभ माना जाता है। इसमें रखा जल पवित्र और ऊर्जा-प्रद माना जाता है, जो पूजा, मंत्र और हवन में शांति, एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। इसे भावनात्मक संतुलन और संपन्नता के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
Planetary Association
ग्रह सम्बन्ध
Ranga Indra Lota is traditionally associated with Shukra Grah (Venus). It is believed to enhance harmony, prosperity, love, and balance in life. Water stored in it is considered supportive for Venus-related energies and spiritual practices.

रांगा इन्द्र लोटा परंपरागत रूप से शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है। यह जीवन में सामंजस्य, समृद्धि, प्रेम और संतुलन को बढ़ाता है। इसमें रखा जल शुक्र ग्रह से संबंधित ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना में सहायक माना जाता है।
Key Features
मुख्य विशेषताएँ
Ranga Lota is known for its durability and spiritual significance. It is lightweight, easy to maintain, and keeps the stored water naturally cool. Widely used in religious rituals and daily life, it symbolizes purity, simplicity, and balance. It is deeply connected with cultural traditions. It enhances certain Rajasic and Tamasic qualities of the body and mind while balancing emotions and mental peace.

रांगा लोटा अपनी मजबूती और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह हल्का होता है, देखभाल में आसान है और इसमें रखा जल स्वाभाविक रूप से शीतल रहता है। इसे धार्मिक अनुष्ठानों और दैनिक जीवन में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। यह पवित्रता, सादगी और संतुलन का प्रतीक है। सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ा हुआ है। यह तन और मन में विशेष राजसिक और तामसिक गुणों को बढ़ाता है, भावनाओं और मानसिक शांति को संतुलित करता है।
Maintenance
देखभाल
, ash, or coarse sand (bajri),Clean it once a month with lemon and salt.
राख , बजरी या महीने में एक बार नींबू और नमक से साफ़ करें
Country of Manufacturing
निर्माण का देश
India
भारत
Country of Origin: India
More Information
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Description

॥ जय चक्रधारी ॥


मानव शरीर जो की बहुत ही महत्वपूर्ण है । हम इस जन्म को तभी सफल बना सकते हैं जब हमारा स्वास्थ्य निरन्तर बना रहे। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन व सबसे बड़ी सम्पदा है।

स्वस्थ रहने का सीधा सम्बन्ध जुड़ा है हमारे पेट से । पेट सही तो सब सही।

तो आओ आगे के महत्व की बात करते हैं ।

जैसा की आप देख रहे हैं के यहाँ - राँगा लोटा उपस्थित है । आप इसे सजावट का सामान तो बिल्कुल ना समझें । यह धातु अपने आप में बहुत विशेष है।

यह धातु है राँगा - जिसका अंग्रेजी नाम TIN कहाता है। इसे कली नाम से भी जाना जाता है और संस्कृत में इसे ही धातु वंग कहते हैं। इसका महत्व आप किसी भी आयुर्वेदाचार्य से जान सकते हैं।

ध्यान यह रखा जाये के इस धातु में मिलावट न हो । यह बहुत ध्यान रखने योग्य है। भोज्य राँगा और मिश्र राँगा धातु में से - आपकी निजी पाकशाल में तो केवल भोज्य राँगा धातु का ही प्रवेश होना चाहिये।


अब मुख्य बात - राँगा धातु में भोजन पकाने से आपकी आतों को बहुत बल मिलता है। यह बल उन कमजोर आँतो को भी मजबूत कर सकता है जो हार मान चुकी हों। किन्तु इसमें उन्हीं सत्मग्री को पकाया जाये जो इस धातु से प्रेम रखती हैं। 

उदाहरण - रसम ।


इस धातु का गलनांक कम होने के कारण इसको खाली रख कर गैस पर नहीं चढ़ाया जाता अपितु इसमें कम से कम 1/4 तो जल या झोल रहना ही चाहिये। इस पात्र को बहुत तेज आँच पर ना चढ़ावें । मन्द आँच पर ही चढावें।

इस पात्र से जोर जबरदस्ती ना करें , इस पात्र को बहुत तेज न दबावें बल्कि सावधानी पूर्वक सम्भाल कर ही प्रयोग में लेंवें ।

इसमें दूध उबालें , इसके पात्र में दही जमावें , इसके पात्र में शिकन्जी बनावें, छाछ बनावें। इस पात्र में खाने पीने की सामग्री सुरक्षित (स्टोर) भी करी जा सकती हैं।

यह धातु अद्भुत हैं । ताम्बा बर्तन हो या पीतल बर्तन उनकी भी उपयोगिता तभी सार्थक होती है जब इसी धातु की परत जिसे कलई कहते हैं - चढ़ा दी जाये।


अब आपकी सूचनार्थ बता देते हैं के आज भी इस धातु का प्रयोग तमिलनाडु के देहात में पुराने लोगों द्वारा प्रयोग किया जाता है । बाकी भारत इस पात्र के प्रयोग हेतु एक तरह से अपने भाग्य के खुलने की प्रतीक्षा ही कर रहा है। आओ इस पात्र को हम पूरे भारत में घर घर में पहुंचायें । यह आपके रसोईघर में जब तक नहीं - आपका जीवन ही अधूरा मानिये।


इस धातु के बर्तन बनाना अत्यधिक कठिन होने के कारण ही यह बहुत जटिल क्रिया है क्यूंकि इसमें बहुत लोचशीलता है। इसलिये आप यदि यह पूरा लेख पढ़ते पढ़ते यहाँ पहुँच गये हैं तो विश्वास करिये यह आपका सौभाग्य है। ईश्वर की दया हुई है। आज हालात ऐसे हैं के सही वस्तु तक पहुंच पाना भी एक क्रान्ति ही है। जो सभ्यता प्रेमी हैं मानव प्रेमी हैं जो राष्ट्र से बहुत प्रेम करते हैं अपने आप से प्रेम करते हैं और उतना ही प्रेम अपने परिवार से करते हैं - हम मानते हैं के उनका स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है - क्योंकि वो ही भारत माता के रक्षक होंगे। इसलिये इस पात्र को आओ सब जगह पहुंचायें । हर घर में पहुंचायें ।


॥ ओ३म् का झंडा ऊँचा रहे ॥



Best utensil for Shukra Grah (Planet Venus), Beautify your texture of Skin. Also helps to reduce unwanted fat from body. very safe for drinking water

Reviews

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