चक्रधारी – जैसा की नाम से ही विदित है के पूर्ण रूप से सुदर्शन चक्रधारी श्री कृष्ण के नाम सिद्धांतों व उन्ही की आज्ञा से एक संघठन का निर्माण हुआ है । जिसमें भारतीय संस्कृति की कमाल की धरोहर को हम अपने जीवन में उतार कर पुनः स्वस्थ बने, समृद्धिशाली बनें, हम देश के प्रति नेक हों, सब मिलकर एक हों । आओ हम पुनः लौट चले ऐसी सभ्यता की ओर जो वर्तमान युग से बहुत आगे थी – चाहे धर्म के दृष्टिकोण से चाहे विज्ञान के दृष्टिकोण से । भारत में जन्म ही अपने आप में – गौरव है – और ऐसा ही हम अनुभव कर पाएं – कुछ ऐसी चेष्टा करें ।